🔶महादेव मेले का हुआ आगाज, हर-हर महादेव से गूंजायमान हुआ कोयलांचल
🔶ट्रेनों में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़, भारी भरकम त्रिशूल लेकर महादेव पहुंचेगे शिवभक्त
🔶जुन्नारदेव विशाला में अविरल जलधारा में स्नान कर शिवभक्त करेंगे आगे का सफर
🔶सात पहाड़ों का सफर तय कर होंगे भगवान भोलेनाथ के दर्शन
🔶उंचे-उंचे पहाड़ों और कठिन रास्तों पर कपूर बनेगा सहारा
जुन्नारदेव ——
जुन्नारदेव नगर को शिव की नगरी के नाम से जाना जाता है और लोगों की भगवान शिव के प्रति अपार आस्था और प्रेम ही है जो नगर के भक्तों को जुन्नारदेव से महादेव तक कई किलोमीटर का सफर भक्त बाबा की भक्ति में पैदल ही तय करते है। प्रतिवर्ष शिवरात्रि के पावन अवसर के दौरान लगने वाला महादेव मेले में शिवरात्रि के पावन दिवस पर लाखों की संख्या में विदर्भ सहित आसपास के जिलों से शिवभक्त पहुंच रहे है जहां पर वे श्री शिवजी की पूजा अराधना कर आर्शीवाद प्राप्त करते है। महाशिवरात्रि के पावन पर्व के पूर्व ही श्रद्धालु अपनी आस्थानुरूप महादेव मेला पहुंचने लगे है। इस मेले का शुभारंभ जुन्नारदेव विकासखंड की पहली पायरी से होता है जहां पर विदर्भ सहित अन्य जिलों के लोग प्रथम पूजा अर्चना कर अपनी यात्रा प्रारंभ करते है। 15 दिनों तक चलने वाले इस मेले का आगाज वैसे तो 09 फरवरी से प्रारंभ हो चुका है किन्तु अब मेले में श्रद्धालुओं का सैलाब 11 फरवरी से ही उमड़ते देखा गया है। इस मेले में शिवरात्रि के पश्चात् महादेव चौरागढ़ में परमपरा अनुसार होलिका दहन कर मेले का समापन किया जाता है।
🔶जुन्नारदेव में प्रवाहित अविरल जलधारा का है अपना महत्व—-
जुन्नारदेव स्थित पहली पायरी के शिव मंदिर से अनेकों पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई है जिसकी आस्था के चलते बड़ी संख्या में लोग जहां पहुंचते है। पहली पायरी स्थित अविरल जलधारा का जल कहां से आता है इसका पता आज तक नहीं लग पाया है और अत्यन्त रोचक और रहस्यमय बात यह है कि इस अविरल जलधारा का जल 12 महीनों तक निरन्तर प्रवाहित रहता है और इस जल का सेवन करने तथा स्नान करने से चर्म रोग सहित अन्य बीमारियां ठीक हो जाती है जिसे लोग भगवान शंकर का वरदान कहते है इसीलिए बड़ी संख्या में शिव भक्त इस अविरल जलधारा में स्नान कर शिव जी की आराधना कर अपनी यात्रा प्रारंभ करते है।
🔶दुर्लभ है चौरागढ़ का मार्ग—–
सतपुड़ा की पहाड़ियों के शीर्ष स्थल पचमढ़ी के चौरागढ़ में स्थित भगवान शंकर के धाम में लाखों शिवभक्त बहुत ही दुर्गम स्थानों का रास्ता तय कर पहुंचते है। होशंगाबाद जिले के पचमढ़ी की सुरम्य पहाड़ियों में स्थित चौरागढ़ पहुंचने के लिए भक्तों को सर्वप्रथम सांगाखेड़ा के भूराभगत पहुंचना होता है। भूराभगत पहुंचने के लिए शिवभक्त अपनी यात्रा की शुरूआत पहली पायरी से प्रारंभ करते है। पहली पायरी से प्रारंभ होने वाला 24 किलोमीटर का पैदल मार्ग गारादेही, बिलावर, उमराड़ी, छाबड़ा, सतघघरी, चरनभाटा, गौरखनाथ, माया छन्दर नाथ, कट्टा से होते हुये सांगाखेड़ा के भूराभगत तक पहुंचा जा सकता है। 24 किलोमीटर लंबे रास्ते में सात-सात पहाड़ियों तथा कई नदियों को पार कर पहुंचते है। इसके पश्चात् चौरागढ़ के लिए 9 किलोमीटर की उंचाई के खड़े पहाड़ की चढ़ाई प्रारंभ कर देते है। इसके अतरिक्त दुपहिया व चौपहिया वाहनों से तामिया के सड़क मार्ग से भी कुआंबादला होते हुए भूरा भगत सांगाखेड़ा पहुंचा जा सकता है। तेजी से बदले इस दौर में अब कई चौपहिया वाहनचालक तामिया से झिरपा, मटकुली के रास्ते पचमढ़ी पहुंचकर भी चौरागढ़ पहुंचते है। लेकिन यह सत्य है कि पहली पायरी से प्रारंभ होने वाले पैदल मार्ग पर शिवभक्तों को कई रमणीय, धार्मिक, दार्शनिक व पर्यटन स्थल भी देखने को मिल जाते है जो उनका मन मोह लेते है।
🔶थकान भरे रास्ते में कपूर बनता है सहारा —–
अपनी इस दुर्लभ व थकान भरी यात्रा के दौरान शिवभक्तों के लिए कपूर ही सहारा बनता है। शिवभक्त भारी भरकम त्रिशूल कंधे में लेकर दुर्गम नदियों व पहाड़ियों को लांगते हुए हर हर महादेव के उद्घोष से बढ़ते चलते है। इस 35 कि.मी. की थका देने वाली लंबी पैदल यात्रा में शिवभक्तों के लिए कपूर की अहम भूमिका होती है। अपने ऊपर थकावट का असर देखते ही शिवभक्त कपूर को जलाकर उससे उर्जा प्राप्त करते है। पैदल यात्रा के दौरान शिवभक्त जिस स्थान पर विश्राम करते है उस स्थान पर कपूर की धूप देते है उसके बाद स्वयं धूप लेकर थकान मिटाकर आगे का रास्ता तय करते है।
🔶भक्तों को पसंद है गपई व मुर्गा —-
35 कि.मी की थकाकर चूर कर देने वाली इस लंबी यात्रा में भांग व धतूरा के शौकीन भगवान भोले के भक्त भी अपने भगवान से कहीं पीछे नहीं रहते यह भक्त भी थकावट हटाने व नई उर्जा से रिचार्ज होने के लिए मदिरा व मुर्गा का सेवन करते है। वर्तमान में जुन्नारदेव विकासखंड में प्रशासन की मुस्तैदी के चलते अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने के बाद शिवभक्त हौशंगाबाद की सीमा में पहुंचकर देशी कच्ची शराब का सेवन बड़ी मात्रा में करने की बात सामने आयी है। इसके अतरिक्त ग्रामीणों द्वारा शिवभक्तों के लिए रामफल, पोपट के दाने, उबले बेर से बना लब्दा, मही, फल्ली, मक्के की रोटी, टमाटर की चटनी, अंगूर सहित अन्य वस्तुओं को भी मार्ग की छोटी छोटी दुकानों द्वारा उपलब्ध कराया जाता रहा है।
🔶भण्डारों का होता है आयोजन —-
इस सुप्रसिद्ध मेले के दौरान जुन्नारदेव विकासखंड में जगह-जगह विशाल भंडारों का आयोजन किया जाता है जिसका प्रसाद शिवभक्त ग्रहण कर सकें। इसके लिए जुन्नारदेव विकासखंड में छिन्दवाड़ा सहित विदर्भ के शिवभक्तों द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन लगभग 7 से 10 दिनों तक निरन्तर किया जाता है। इस वर्ष भंडारों की संख्या में बढ़ौतरी हुयी है। भंडारों में मुख्य रूप से जुन्नारदेव विशाला में शिव के सेवक समूह द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी भव्य भंडारे के आयोजन संबंधी तैयारियां प्रारंभ कर दी गयी है। वहीं नंदीखेड़ा, सांगाखेड़ा, भूराभगत सहित अन्य स्थलों पर भी भंडारे का आयोजन किया जायेगा।
🔶प्रशासन हुआ मुस्तैद—–
विगत वर्षो तक जहां महादेव मेले में प्रशासन की अनेको लापरवाहियां देखने को मिलती थी वहीं इस वर्ष प्रशासन द्वारा मेला प्रारंभ होने के पूर्व ही पुख्ता इंतजाम किये गये थे जिसमें मेला यात्रियों के लिए सबसे प्रमुख पहाड़ी क्षेत्रों सहित अधिक जंगल एवं अंधेरे वाले क्षेत्रों में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था की गयी थी। इसके अतरिक्त जगह-जगह शिव भक्तों के लिए पेयजल के साथ साथ चिकित्सा सुविधाएं एवं सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल भी उपलब्ध कराया गया है जिससे मेला यात्रियों को मेले के दौरान होने वाली असुविधाओं से बचाया जा सका। जुन्नारदेव विधायक सुनील उईके द्वारा इस वर्ष जुन्नारदेव विकासखंड के विभिन्न मेला क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था के साथ-साथ, रोशनी, सड़क, एवं मेला श्रद्धालुओं को अनेकों सुविधाएं प्रदान करने की ओर विशेष ध्यान दिये गये है। वही अतिथि देवो भव आ की भावना को चरितार्थ करते हुए विधायक इस मेले में जुन्नारदेव विधानसभा में अग्रणी नायक की भूमिका अदा करते नजर आने की बात भी विधानसभा वासियों द्वारा कही जा रही है वर्तमान में मेले में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ आम जनमानस भी अपने विधानसभा क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं के प्रति अतिथि देवो भावा की भावना को चरितार्थ करते हुए आगे आकर उनका स्वागत कर रहा है और अनेकों सुविधाएं प्रदान कर रहा है जिसका उदाहरण समूची जुन्नारदेव विधानसभा में लगभग 2 दर्जन से अधिक जगहों पर भव्य भंडारे से लगाया जा सकता है।
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News Credit: Shri Manoj Johre Ji (Chandameta)