वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए, जो स्थिति बन रही है, उसके तहत सम्पूर्ण भारत वर्ष में निवास करने वाले कतिया समाज के नागरिकों के लिए एक पंजीकृत सामाजिक संगठन की आवश्यकता महसूस की जा रही है । आज मध्य भारत में कतिया समाज संख्याबल में अन्य समाजों से अधिक होते हुए भी अन्य समाजों की तुलना में पिछड़ा हुआ है । जबकि अन्य समाज आज राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, प्रशासनिक संसाधन, एकता, धार्मिक दृष्टिकोण आदि में चहुंओर प्रगति कर रहे हैं । आरक्षण प्राप्ति के साथ-साथ कतिया समाज की जनगणना, विद्यार्थी मित्र, पैरा-टीचर्स जैसी योजनाओं से केवल हमें ही अन्य समाज की तुलना में हानि हो रही है । प्रभावशाली जातियॉ सरकारी योजनाओं, नियमों का फायदा अपने लिये किया है । हमारा दायित्व व दायरा काफी विस्तृत करने की जरूरत है । इसलिए सुझाव निम्नानुसार है :-
- राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला स्तर, तहसील (विधानसभा) स्तर, पंचायत स्तर पर एक समान कार्यकारिणी हो ।
- उक्त समस्त कार्यकारिणी जहां तक हो सके सभी रजिस्टार एण्ड फर्म्स सोसायटी या ट्रस्ट के रूप पंजीकृत हो ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ स्थानीय स्तर पर लिया जा सके ।
- आय के लिए विभिन्न स्त्रातों की व्यवस्था करना ।
- सदस्यता शुल्क 1150/- रखा जाये । क्योंकि (अग्रवाल महासभा की सदस्यता शुल्क 2150/-, कल्चुरी महासभा की 1150/- एवं नेमा समाज की 1350/- सदस्यता शुल्क है) जो हमसे अधिक सम्पन्न समाज हैं ।
- पांच वर्ष में चुनावा करवाया जाना चाहिए ।
- राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी महापंचायत (महाधिवेशन), पांच वर्ष में एक बार हो तथा हो सके तो विधानसभा चुनाओं को देखते हुए आयोजन किया जावे । जिसमें समाज के सभी लोगों को आमंत्रित किया जावे ।
- राजनीतिक भागीदारी की सुनिश्चितता के लिए राजनीतिक दलों पर दबाव बनाना व समाज के लोगों को लोकसभा, विधानसभा व अन्य चुनावों के लिए टिकिट दिलाने के लिए प्रयासरत रहना ।
- शिक्षा के सन्दर्भ में आई.ए.एस., आई.आई.टी, एम.बी.बी.एस. व अन्य प्रतियोगिताओं के लिए कोचिंग संस्थान की व्यवस्था करवायी जावे ।
- जहां तक हो सके प्रत्येक कार्यकारिणी ऑनलाइ्न होनी चाहिए ।
- सामाजिक विवाद व अन्य विवादों का निराकरण के लिए सेवा निवृत्त अधिकारियों की सेवाएं ली जाये ।
- वर्तमान में विभिन्न प्रकार की व्यवस्था का अध्ययन करते हुए अग्रसर होना, ताकि हमारे समाज को वर्तमान सिस्टम में किसी प्रकार का नुकसान न हो ।
- समय-समय पर सरकारी योजनओं के बारे में अपडेट रखना ।
- उद्योग धन्धे आर्थिक मामले में निवेश व अन्य आवश्यकताओं के लिए समाज हित के लिए उपाय तलाशना ।
- सामाजिक कुरीतियों, बुराईयों की रोकथाम के लिए विशेष सक्रिय प्रयास करना ।
- प्रत्येक कार्यकारिणी में सम्पर्क के लिए एक स्थाई नियुक्ति हो, जो व्यक्ति समाज के हर व्यक्ति हर संभव मदद कर सके ।
- एस.सी./ एस.टी. कर्मचारी संगठनों से जुडाव रखना व अन्य समाजों से भी सम्पर्क रखना ।
- प्रत्येक कार्यकारिणी की अपनी स्वयं की भूमि हो तथा भवन भी निर्मित होना चाहिये ।
- प्रशासनिक सेवाओं में ज्यादा जाने के लिए प्रेरित करना ।
- प्रत्येक कार्यकारिणी का एक दूसरे से सम्पर्क स्थापित रखना ।
- समाज के सभी नागरिकों का डाटा बेस तैयार करने के लिए एक समग्र योजना बनाई जानी चाहिए ।
- समाज के नागरिकों का एक परिचय पत्र बनाया जाना चाहिए । साथ ही समाज के लोगों की जानकारी को ऑनलाईन इंटरनेट पर उपलब्ध करवाये जाने का प्रयास करना ।
महत्वपूर्ण
संविधान संशोधन चुनाव पद्धति व अन्य प्रकार के परिवर्तन इस प्रकार किया जाये की कतिया समाज के अध्यक्ष के आव्हान पर समस्त समाज एकत्रित हो, तथा समाज के किसी भी व्यक्ति के कठिनाई आने पर समाज का अध्यक्ष व उसकी कार्यकारिणी हर संभव मदद के लिए तत्पर रहे ।
अखिल भारतीय कतिया समाज महासभा की चुनाव प्रक्रिया
- राष्ट्रीय स्तर पर कार्यकारिणी (अध्यक्ष व 10 सदस्यीय कार्यकारिणी)
- राज्य स्तर पर कार्यकारिणी(अध्यक्ष व 10 सदस्यीय कार्यकारिणी)
- जिला स्तर पर कार्यकारिणी (अध्यक्ष व 10 सदस्यीय कार्यकारिणी)
- तहसील / विधानसभा स्तर पर कार्यकारिणी (अध्यक्ष व 10 सदस्यीय कार्यकारिणी)
- ब्लाक या गॉव स्तर पर कार्यकारिणी (अध्यक्ष व 6 सदस्यीय कार्यकारिणी)
चुनाव पद्धति के लिए सुझाव
- प्रत्येक कार्यकारिणी पंजीकृत होनी चाहिये या इसके लिए प्रयासरत रहना चाहिए ।
- सदस्यता शुल्क देने वाला व्यक्ति ही मत देने का अधिकारी होना चाहिए ।
- राष्ट्रीय स्तर की कार्यकारिणी की पांच साल में एक बार महापंचायत (महाधिवेशन) होनी चाहिए जिसमें समाज के सभी लोग सम्मिलित हो ।
- राष्ट्रीय स्तर की कार्यकारिणी की साल में दो बार मीटिंग हो जिसमें राज्य स्तर की कार्यकारिणी तथा अगर संभव हो सके तो, जिला स्तर की कार्यकारिणी को शामिल किया जाये ।
- राष्ट्रीय स्तर की कार्यकारिणी के नेतृत्व में अन्य सभी कार्यकारिणी कार्य करेगी ।
- राष्ट्रीय स्तर की कार्यकारिणी समाज व समाज के लोगों के विकास के लिए नीतियांनिर्धारण करेंगी, उसी के अनुसार राज्य स्तर, जिला स्तर, तहसील (विधानसभा) स्तर की कार्यकारिणी कार्य करेगी व अपनी स्वयं की योजना तैयार करेगी ।
- राज्य स्तर की कार्यकारिणी भी साल में तीन बार मीटिंग करेगी जिसमें जिला स्तर की कार्यकारिणी के सदस्य शामिल होंगे ।
- जिला स्तर की कार्यकारिणी भी साल में तीन बार मीटिंग करेगी जिसमें तहसील स्तर की कार्यकारिणी के सदस्य शामिल होंगे ।
- तहसील स्तर की कार्यकारिणी भी साल में कम से कम तीन बार मीटिंग करेंगी जिसमें पंचायत (ग्राम) स्तर की कार्यकारिणी के सदस्य शामिल होंगे ।
- प्रत्येक कार्यकारिणी का चुनाव एक नियत तारीख पर पांच साल में एक बार होगा, हो सके तो अप्रेल से जून माह में चुनाव कराये जाने चाहिए । ताकि धारा 27 एवं 28 की जानकारी प्रस्तुति के समय परिवर्तित कार्यकारिणी के नाम समाहित हो सके ।
- जो व्यक्ति अखिल भारतीय कतिया समाज महासभा का सदस्य होगा वह रजिस्टर्ड होगा तथा वह व्यक्ति ही समस्त प्रकार की कार्यकारिणी की गतिविधियों में हिस्सा ले सकेगा और लाभ भी प्राप्त कर सकेगा ।
- राष्ट्रीय स्तर की कार्यकारिणी के चुनाव में राज्य स्तर, जिला स्तर एवं तहसील स्तर की कार्यकारिणी भाग लेगी ।
- राज्य स्तर की कार्यकारिणी के चुनाव में जिला स्तर एवं तहसील स्तर की कार्यकारिणी भाग लेगी ।
- जिला स्तर की कार्यकारिणी के चुनाव में तहसील स्तर की कार्यकारिणी भाग लेगी ।
- तहसील स्तर की कार्यकारिणी के चुनाव मे पंचायत स्तर की कार्यकारिणी भाग लेगी ।
- चुनाव में अखिल भारतीय कतिया समाज महासभा का सदस्य ही भाग लेगा व वोट देने व चुनाव लड़ने का अधिकारी होगा ।
- प्रत्येक कार्यकारिणी के चुनाव में सबसे अधिक मत प्राप्त करने वाले 11 व्यक्तियों को लिया जाना चाहिए, जिसमें सर्वाधिक मत प्राप्त करने वाले व्यक्ति को अध्यक्ष, उससे कम मत वाले व्यक्ति को उपाध्यक्ष, तथा तीसरे क्रम में रहने वाले व्यक्ति को सचिव तथा चौथे एवं पांचवे क्रम में रहने वाले व्यक्ति को क्रमश: सह सचिव एवं कोषाध्यक्ष के अलावा शेष व्यक्तियों को कार्यकारिणी सदस्य बनाना चाहिए ।
(टीप – नगर कतिया समाज संगठन जबलपुर, मण्डला एवं छिन्दवाडा जिले में हुए सामाजिक चुनाव प्रक्रिया से अनुभव के आधार पर, उपरोक्त प्रक्रिया समाज को एकजुट करने में कारगर साबित होगी)
- इस चुनाव पद्धति से समाज में किसी प्रकार की गुटबाजी नहीं होगी ।
- यह चुनाव पद्धति बेहद कम खर्चीली व बेहद कम समय में सम्पन्न होने वाली होगी ।
- प्रत्येक कार्यकारिणी का निर्णय बहुमत से लिया जाना चाहिए ।
प्रस्तुति – लेखराम भोर – कतिया समाज स्वसहायता संघ, जबलपुर

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बिल्कुल सही निर्णय है आ0 अगर हम सब मिलकर चाहे तो सब मुमकिन है
Aapka ka sughao bhut hi shi
Jald hi isme nirnay liya jay
Aap sabka saport banay rakhe
बहुत ही बढ़िया सुझाव